कंपनी संशोधन विधेयक राज्यसभा में पास, देश के अनेकों राज्यो में छोटी कंपनियों का आसान होगा कारोबार

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कंपनी अधिनियम में संशोधन कर तकनीकी और अन्य छोटी गलतियों को फौजदारी अपराध की श्रेणी से हटाकर दीवानी अपराध की श्रेणी में डालने, छोटी कंपनियों पर जुर्माना कम करने और उनके लिए कारोबार आसान बनाने संबंधी विधेयक कल राज्यसभा में ध्वनिमत से पारित कर दिया गया और इसके साथ ही इस पर संसद की मुहर लग गयी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कंपनी संशोधन विधेयक, 2020 पर सदन में हुई संक्षिप्त चर्चा का जवाब देते हुये कहा कि कंपनी कानून में छोटी कंपनियाँ भी हैं और छोटी गलतियों को फौजदारी श्रेणी से हटाने का फायदा उन्हें भी मिलेगा। इससे इन अपराधों के लिए उन पर सिर्फ अर्थदंड लगाया जा सकेगा तथा कंपनियों के अधिकारियों को जेल नहीं भेजा जा सकेगा।उन्होंने कहा कि घोटाले ऐसी दुर्घटनायें होते हैं जिनमें कोई हताहत होता है तथा इसी तरह के अन्य अपराधों समेत 35 बड़े अपराध जो वर्ष 2013 में गंभीर अपराध की श्रेणी में थे, अब भी गंभीर अपराध की श्रेणी में ही रहेंगे। उनमें किसी प्रकार की छूट नहीं दी जा रही है। सिर्फ कुछ छोटे अपराधों को दीवानी की श्रेणी में लाया जा रहा है।

श्रीमती सीतारमण ने कहा कि छोटे अपराधों को फौजदारी से दीवानी की श्रेणी में लाने के लिए कंपनी कानून की 48 धाराओं में संशोधन किया गया है। कंपनियों के लिए अनुपालन आसान करने के लिए 17 धाराओं में बदलाव किये गये हैं या नयी धारा लाई गई है। ग्रामीण क्षेत्र की उत्पादक कंपनियों के लिए अलग से एक अध्याय जोड़ा गया है जो पहले कंपनी कानून, 1956 में शामिल था। इससे खासकर कृषि क्षेत्र की क़ृषक उत्पादक कंपनियों को लाभ होगा। विपक्ष की गैर मौजूदगी में चर्चा में भारतीय जनता पार्टी के महेश पोद्दार, बीजू जनता दल के सुजीत कुमार, वाईएसआरसीपी के वी. विजय साई रेड्डी और तेलुगू देशम पार्टी के कनकमेदला रविंद्र कुमार ने हिस्सा लिया तथा विधेयक का समर्थन किया है।

Image Source: Tweeted by @DDNewslive

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