लोकसभा के बाद अब राज्यसभा से भी किसान सुधार अधिनियम पारित हो चुकें हैं। भारतीय जनता पार्टी का कहना कि ये बिल किसानों के लिए हितकारी साबित होंगे, वही विपक्ष का कहना है कि ये बिल किसानों को बर्बाद कर देंगे। भाजपा के सहयोगी दल अकाली दल ने भी इस बिल के विरोध में वोट दिया तथा मंत्री हर सिमरत कौर बादल ने केंद्रीय मंत्री परिषद से इस्तीफ़ा दे दिया। कल भारी हंगामे के बाद राज्यसभा से भी ये बिल पास हो गया !प्रधानमंत्री समेत कई नेताओं ने इस पर किसानों को बधाई दी तो वही विपक्ष ने जमकर भाजपा का विरोध किया।
कांग्रेस पार्टी अब आज सड़कों पर उतर कर मोदी सरकार द्वारा पारित अधिनियमों का विरोध करेंगी। राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा खुद राज्यपाल को ज्ञापन सौपेंगे। जिन 11 जिलों में धारा 144 लागू है उनमे भी जिलाधिकारियों को ज्ञापन सौंपा जायेगा। राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष का कहना है कि केंद्र सरकार किसानों की ज़मीन हड़पने के लिए तथा बड़े उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए इस काले क़ानून को लागू कर रही हैं। कांग्रेस इन बिलों का विरोध कर देश के किसानों की रक्षा करेगी।
वहीं राहुल गाँधी से लेकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने इन बिलों का विरोध किया है। परिवहन मंत्री प्रताप सिंह ने भी कृषि कानूनों का विरोध करते हुए कहा, ” इस बिल के पारित होने से देश कमजोर हो जायेगा। किसान विरोधी बिल से देश के किसानों के खेत खलियान और किसानों की मेहनत उद्योगपतियों के हाथों में गिरबी रख दी जाएगी। कांग्रेस पार्टी किसान, मजदूर, गरीब और बेरोजगार नौजवानों के साथ केंद्र सरकार के जुल्मो के खिलाफ देश भर में आर पार का संघर्ष करेंगी। ”
देशभर के किसानों को कृषि सुधार विधेयकों के पारित होने पर बधाई देता हूं।
नए प्रावधानों के लागू होने से किसान अपनी फसल को देश के किसी भी बाजार में मनचाही कीमत पर बेच सकेंगे।
किसान और ग्राहक के बीच जो बिचौलिए होते हैं, उनसे किसानों को बचाने के लिए ये विधेयक रक्षा कवच बनकर आए हैं। pic.twitter.com/nnF4afkPaY
— Narendra Modi (@narendramodi) September 18, 2020
वहीं भाजपा किसानों को लगतार ये विश्वास दिला रही है कि ये बिल किसानों के लिए वरदान साबित होंगे। पीएम मोदी ने किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा,” मैं देश भर के किसानों को इन विधेयकों के लिए बहुत बधाई देता हूं। किसान और ग्राहक के बीच जो बिचौलिए होते हैं जो किसान की कमाई का बड़ा हिस्सा खुद ले लेते हैं। उनसे बचने के लिए यह विधेयक लाए जाने बहुत आवश्यक थे किसानों को अपनी उपज देश में कहीं पर भी किसी को भी बेचने की आजादी होगी। यह एक ऐतिहासिक कदम है 21वीं सदी में भारत का किसान बंधनों में नहीं रहेगा। वह खुलकर खेती करेगा जहां मन आएगा वहां उपज बेचेगा किसी बिचौलिए का महत्व नहीं रहेगा और अपनी उपज अपनी आय को भी बढ़ाएगा। “