कोरोना संक्रमण के चलते भारत की शिक्षा व्यवस्था बिल्कुल अस्त व्यस्त हो चुकी है। लगभग 5 – 6 महीने से विद्यालय बंद हैं। विद्यार्थियों को बहुत सारी समस्याएं आ रही हैं। कुछ बच्चे इस कोरोना के चलते अवसाद में चले गए हैं तो वहीं कई अध्यापक कोरोना संक्रमण के चलते बेरोजगार हो गए हैं। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल होता है कि भारत के सभी राज्यों में विद्यालय कब से खुलेंगे और कब से विद्यार्थी विद्यालयों में जाकर शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे। 21 सितंबर से गिने-चुने राज्यों में ही कक्षा 9 से 12 तक के स्कूल खोले जा रहे हैं। शुरू में केवल 50% टीचर और स्टाफ के साथ विद्यालय खुलेंगे और बच्चे स्कूल में तभी दाखिल हो सकेंगे जब उनके पेरेंट्स लिखित में इस बात की इजाजत देंगे।
महाराष्ट्र सबसे ज्यादा प्रभावित प्रदेश है इसीलिए वहां पर अभी 30 सितंबर तक विद्यालय बंद हैं। उत्तर प्रदेश में भी इस पूरे मामले पर कोई फैसला नहीं हुआ है, हां बेसिक शिक्षा मंत्री ने यह अवश्य कहा है कि संक्रमण के बढ़ते मामले की वजह से विद्यालय 21 सितंबर तक तो नहीं खुलेंगे। दिल्ली सरकार ने भी यह साफ कर दिया है कि जब तक संक्रमण काबू में नहीं आता है तब तक विद्यालय नहीं खोले जाएंगे। गुजरात, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, राजस्थान, केरल कर्नाटक ने भी यह बात तय कर दी है कि जब तक संक्रमण काबू में नहीं आता है तब तक हम भी अपने प्रदेश में विद्यालय नहीं खोलेंगे।
यदि विद्यालय खुलते हैं तो प्रत्येक विद्यार्थी को दूसरे विद्यार्थी से लगभग 6 फीट की दूरी बनाकर रखनी होगी। फेस कवर या मास्क पहनना अनिवार्य हो जाएगा। छींकते या खाँसते वक्त मुंह को टिशु पेपर या रुमाल से ढकना आवश्यक होगा। कैंपस में कहीं भी टूटना पूरी तरह से वर्जित होगा। और बार-बार अपने हाथों को साबुन से धोना होगा।