ब्लड बैंक में जमा हुआ 1600 यूनिट प्लाज्मा, अब लोगों से मांगा जा रहा है ब्लड

5 जुलाई को स्मीमेर अस्पताल में पहली बार प्लाज्मा डोनेट हुआ तब से लेकर अब तक 950 लोगों ने 16 से यूनिट प्लाज्मा डोनेट कर दिया। इतना प्लाज्मा डोनेट हुआ है कि ब्लड बैंक को प्लाज्मा करने से लोगों को रोकना पड़ा।

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Plasma Therapy
प्रतीकात्मक चित्र

भारतीय संस्कृति में दान को सबसे बड़ा महत्वपूर्ण कार्य समझा जाता है। भारत में अंग दान और अन्न दान। अंग दान के बारे में कहा जाता है कि व्यक्ति को यादि मृत्यु के बाद जीवित रहना है तो उसे अपना अंगदान करना चाहिए! और यदि संभव हो सके तो अपना ब्लड भी लोगों को डोनेट कीजिए। भारत में बहुत सारे लोग है जो हमेशा ही ब्लड डोनेट करते हैं। कोरोना कल में सूरत के रहने वाले लोगों ने प्लाज्मा दान करने की अनूठी परंपरा बनाई है दो माह में सूरत के डॉक्टर स्वास्थ्य कर्मी पुलिसकर्मी रत्न कलाकार व्यापारी किसानों ने इतना प्लाज्मा डोनेट किया है कि अब प्लाज्मा बैंक को यह कहना पड़ गया कि प्लाज्मा पर्याप्त मात्रा में जमा हो चुका है इसीलिए इसकी जगह रक्तदान कीजिए।

यह माना जा रहा है कि इस समय कोरोना संक्रमण के चलते मरीजों को ब्लड की आवश्यकता बहुत अधिक है। कई अस्पतालों का कहना है कि ब्लड बैंक में जितना भी यूनिट ब्लड जमा होता है थोड़ी देर बाद बहन सब डोनेट कर दिया जाता है। लिहाजा इसकी पूर्ति करने के लिए प्लाज्मा डोनेट करने आ रहा है लोगों से पहले ब्लड डोनेट करने के लिए कहा जा रहा है। 5 जुलाई को पहली बार स्मीमेर हॉस्पिटल में पहली बार प्लाज्मा डोनेट हुआ था अब तक लगभग 1600 यूनिट प्लाज्मा डोनेट हो चुका है वहीं दूसरी ओर एक भी सरकारी ब्लड बैंक में ब्लड डोनेट नहीं हो रहा।

सोमवार को डॉक्टर, वकील, पुलिसकर्मी, बैंक कर्मी, एक कंपनी का मैनेजर, नर्स, लूम्स वर्कर, टेक्सटाइल वर्कर, डायमंड वर्कर तथा सफाई कर्मचारी सहित शहर के 155 और ग्रामीण 111 यानी 266 नए मामले सामने आए। अब तक 22876 पॉजिटिव मामले आ चुके हैं वहीं दूसरी ओर शहर के 298 और ग्रामीण के 52 अर्थात 350 मरीज डिस्चार्ज हो चुके हैं।

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