लगातार कोरोना में संक्रमण देश के अलग-अलग राज्यों को अपनी चपेट में ले रहा है। लेकिन यह बात पूरा विश्व जानता है कि कम संसाधन होने के बावजूद भारत एक ऐसा देश है जो संक्रमण से बहुत अच्छी तरह लड़ रहा है। हमारे देश में जनसंख्या के अनुसार संक्रमण का प्रभाव इतना ज्यादा नहीं है जितना समझा जा रहा था। जिन प्रदेशों को लोग पिछड़ा प्रदेश कहते थे, जैसे उत्तर प्रदेश और खासकर बिहार। इन प्रदेशों ने कोरोना संक्रमण के मामले में जो प्रदर्शन किया है वह वाकई काबिले तारीफ है।
बिहार राज्य संक्रमण को हराने में पूरे देश में पहले स्थान पर है। इस राज्य की रिकवरी रेट 88.01% है। वहीं दिल्ली की रिकवरी रेट 87.01 है। पश्चिम बंगाल की 83%, राजस्थान की 82%, तमिलनाडु की 86% और गुजरात की 81% रिकवरी रेट रही है। बिहार राज्य में लगातार दूसरे दिन भी डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों की सैंपल की जांच हुई। जिसमें 1727 नए संक्रमितों की पहचान की गई।
यह माना जा रहा है कि बिहार पहले स्थान पर इसलिए है क्योंकि पूरे राज्य को नीतीश के फार्मूले के तहत चलाया गया था। नीतीश कुमार ने अपने राज्य को संक्रमण से मुक्त कराने के लिए जो कार्य किया है, बिहार में मिलती सफलता उसी का परिणाम है। उन्होंने ‘थ्री-टी’ ट्रैकिंग, ट्रैकिंग व टेक्सटिंग का फार्मूला अपनाने को कहा था। स्वास्थ्य विभाग की कमान संभालने के बाद प्रत्यय अमृत ने इस चुनौती को स्वीकार किया और 10 दिन के भीतर सैंपल की जांच को एक लाख के ऊपर पहुंचा दिया।