देश की सरहद पर कुर्बान होने वाले शहीदों की तुलना विश्व में किसी से भी नहीं की जा सकती। राजस्थान प्रदेश के जवान शमशेर अली ने पेट्रोलिंग के दौरान चीन की सरहद पर अपना सर्वोच्च बलिदान दे दिया था। जहाँ पर सेना ने उन्हें अंतिम विदाई दी। जिसके बाद उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए उनके गांव भेजा गया। शमशेर अली प्रदेश के झुंझुनूं जिले के उदयपुरवाटी उपखंड के गांव हुकुमपुरा के रहने वाले थे। शहीद के परिजनों ने सूबेदार शमशेर अली की शहादत की पुष्टि की थी।
शमशेर अली खान अरुणाचल प्रदेश के टेंगा में 24 ग्रेनेडियर यूनिट में तैनात थे। वहीं पास में चीन की सीमा पर पेट्रोलिंग कर रहे थे। जहां पर आतंकियों से लोहा लेते हुए वे शहीद हो गए। अरुणाचल प्रदेश में पाइनिज पोस्ट पर शहीद हो गए। जिसकी ऊंचाई करीब 18 हजार फीट बताई गई है। जहां पर शमशेर अली खान ने गुरुवार सुबह साढ़े चार बजे अंतिम सांस ली। यह बताया जाता है कि शमशेर अली की चार पीढियों ने सेना में रहकर देश की सेवा की है। यह भी बताया जा रहा है कि उनकी पांचवी पीढ़ी भी देश की सेवा में जाने के लिए तैयार है। उनके परदादा बागी खां, दादा फैज मोहम्मद और पिता सलीम अली भी सेना से रिटायर्ड हैं। उनके दादा फैज मोहम्मद ने सेना में 1965 की लड़ाई भी लड़ी थी।
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