पूर्व सीएम ने उठाये शिवसेना सरकार पर सवाल, बोले महाराष्ट्र सरकार ले रही स्वार्थ हित में फ़ैसले

महाराष्ट्र सरकार ने आरे कॉलोनी की 600 एकड़ ज़मीन को जंगल के रूप में आरक्षित करने की घोषणा कर दी है। वहीं इसके एक दिन बाद पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने इस ओर संकेत किया कि ये फैसला निजी व्यक्तियों की हड़पी गयी ज़मीन को ढकने का प्रयास है। 

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सुशांत सिंह राजपूत मामले के चलते महाराष्ट्र सरकार वैसे ही सवालों के घेरे में है। लगातार विपक्ष सवाल पूछे जा रहा है और सरकार के पास इन सवालों का कोई जवाब नहीं है। वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अब एक और आरोप शिवसेना सरकार के माथे पर मढ़ दिया है। एक तरफ महाराष्ट्र सरकार ने आरे कॉलोनी की 600 एकड़ ज़मीन को जंगल के रूप में आरक्षित करने की घोषणा कर दी है। वहीं इसके एक दिन बाद पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने इस ओर संकेत किया कि ये फैसला निजी व्यक्तियों की हड़पी गयी ज़मीन को ढकने का प्रयास है। देवेंद्र फडणवीस का कहना है कि महाराष्ट्र सरकार का यह फैसला मुंबई वासियों को मेट्रो से वंचित करने के लिए लिया गया है। उनका यह भी कहना है कि यह पूरी योजना महाराष्ट्र सरकार के स्वार्थ पर आधारित है।

देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “कई मुश्किलें हैं। जंगल बनाने के लिए परिश्रम करना पड़ता है। क्षेत्र में आदिवासी और सरकारी संपत्ति होने के कारण निरंतरता संभव नहीं है। उच्च न्यायालय, ग्रीन ट्रिब्यूनल और सुप्रीम कोर्ट ने मेट्रो कार शेड के निर्माण अनुमति दी है। इस क्षेत्र से कार शेड को दूर ले जाना उचित नहीं है। इससे देरी होगी और परियोजना की लागत में भी वृद्धि होगी। यह लागत मेट्रो यात्रियों से ही वसूल की जाएगी।”

उन्होंने आगे कहा, “अगर यह निजी व्यक्तियों की भूमि को हड़पकर छुपाना है, तो यह सही नहीं है। यह मुंबई-वासियों को मेट्रो से वंचित करने का एक प्रयास है। मेट्रो कार शेड को शिफ्ट करने का निर्णय निहित स्वार्थों के कारण लिया गया है।”

Image Source: Tweeted by @Dev_Fadnavis

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