प्रधानमंत्री मोदी ने भारत को 2022 तक एक वैभवशाली देश बनाने के लिए सारे प्रयास करने शुरू कर दिए हैं। इसी प्रयास में प्रधानमंत्री मोदी की कैबिनेट ने एक प्रस्ताव पास किया है जिसके द्वारा अब सरकार में कार्य कर रहे अधिकारियों को एक खास ट्रेनिंग दी जाएगी और इस योजना का नाम है मिशन कर्म योगी। मिशन कर्म योगी के तहत सरकारी अधिकारियों के काम को किस तरह ज्यादा बेहतर बनाया जा सकता है? इस इस पर कार्य किया जाएगा। भर्ती होने के बाद कर्मचारियों और अधिकारियों की क्षमता को लगातार किस तरह बढ़ाया जाए, इसके लिए भी कुछ नियम बनाए जाएंगे। पुराने समय से काम करने वाले अधिकारियों को किस तरह इस नवयुग के नए संसाधनों से जोड़ा जाए, इस पर भी यह मिशन कार्य करेगा।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने ‘मिशन कर्मयोगी’ पर चर्चा करते हुए बताया कि 2017 में प्रधानमंत्री मोदी मसूरी के सिविल सर्विस अधिकारियों की ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट गए थे। उस दौरान वहां पीएम ने ट्रेनिंग में व्यापक बदलाव पर चर्चा की थी। मिशन कर्म योगी के तहत शुरू किए गए नए डिजिटल प्लेटफार्म से अब सिविल सेवा के जुड़े अधिकारी कहीं भी बैठकर ट्रेनिंग ले सकेंगे। मोबाइल, टेबलेट, लैपटॉप के जरिए भी उन्हें ट्रेनिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
Image Source: Tweeted by @DrJitendraSingh
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— PIB India (@PIB_India) September 2, 2020