भारत लगातार दुनिया के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहा है। चाहे वह कोरोना संक्रमण से लड़ने की बात हो और चाहे विज्ञान के क्षेत्र में भारत की तुलना किसी विदेश से की जाए। अभी फिलहाल में पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में बने केंद्रीय यांत्रिक अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान में अपनी आवासीय कॉलोनी के लिए एल विशाल सौर वृक्ष लगाया गया है। यह माना जा रहा है कि यह दुनिया का सबसे बड़ा सौर वृक्ष है।
इस वृक्ष का डिजाइन इस तरह से तैयार किया गया है कि प्रत्येक सोलर फोटोवोल्टिक पैनल को सूरज की रोशनी मिल सके और यह भी ध्यान रखा गया है कि इसके नीचे बेहद कम हिस्से में छाया पड़े। प्रोफेसर हरीश हिरानी ने यह बताया है कि हमारे ओर से तैयार किए गए इस वृक्ष में ऊर्जा के उत्पादन के साथ-साथ टीवी चैनलों की संख्या भी दुनिया में सबसे ज्यादा है। संस्थान के प्रवक्ता के अनुसार यह वृक्ष दुनिया का सबसे बड़ा सौर वृक्ष है।
अब आप की मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि इन प्लेटों से या इस सौर पेड़ से कितनी ऊर्जा का उत्पादन प्रतिदिन हो सकेगा। जानकारी के अनुसार इससे नियमित 11.5 kwp उर्जा का उत्पादन हो सकता है। इससे पहले दुनिया का सबसे बड़ा सौर वृक्ष यूरोप में था जिसकी नियमित उत्पादन क्षमता 8.6 kwp थी। CMERI के प्रोफेसर हरीश हिरानी ने यह बताया कि इसकी सालाना क्षमता 12400-14000 किलोवाट स्वच्छ एवं हरित ऊर्जा प्रदान करने की है।