कोरोना महामारी के कारण देश में बहुत सारी समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं। एक बड़ी समस्या शिक्षा व्यवस्था के लिए भी आई है। सितंबर के महीने में नीट और जेईई के एग्जाम होने हैं। सरकार और नेशनल टेस्ट एजेंसी इसके लिए पूरी तरह से तैयार है लेकिन विद्यार्थी और राजनेता अभी परीक्षाओं को आयोजित कराने के निर्णय के खिलाफ है। इसी पर देश-विदेश की यूनिवर्सिटीज के 150 शिक्षकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है और उन्होंने इस चिट्ठी में कहा है कि यदि इन परीक्षाओं में और देरी हुई तो यह विद्यार्थियों के कैरियर से समझौता होगा। कुछ लोग अपने राजनीतिक एजेंडे के चक्कर में छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं।
सरकार जेईई मेंस और नीट परीक्षाओं की तारीख का ऐलान कर चुकी है। अब इन में देरी होने से स्टूडेंट्स के कीमती साल बर्बाद हो जाएंगे। युवाओं के सपने और भविष्य से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं होना चाहिए। हमें पक्का यकीन है कि सरकार जेईई और नीट की परीक्षा सुरक्षा के साथ करवाने में सफल रहेगी और 2020-2021 का एकेडमिक कैलेंडर भी जारी कर दिया जाएगा।
दिल्ली यूनिवर्सिटी, इग्नू, लखनऊ यूनिवर्सिटी, जेएनयू बीएचयू, आईआईटी दिल्ली, यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, हिब्रू यूनिवर्सिटी आफ जेरूसलम, बेन गुरियन यूनिवर्सिटी इजरायल इन सभी विश्वविद्यालयों में कार्यरत अध्यापकों ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा है।
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