अयोध्या में तेजी के साथ होगा मंदिर का निर्माण, रहीम रसखान और कबीर के नाम पर पर बनेंगे रिसर्च सेंटर

अयोध्या में मंदिर की जमीन का टोपोग्राफी नक्शा तैयार करने का कार्य प्रारंभ हो गया है। ड्राफ्टमैन टीम के साथ ट्रस्ट के पदाधिकारी मस्जिद साइट पर पहुंचे हैं। अयोध्या के धनीपुर गांव में 14 वर्ग मीटर के क्षेत्र में मस्जिद का निर्माण होना है।

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5 अगस्त 2020 को श्री राम मंदिर के भव्य शिलान्यास कार्यक्रम के बाद अयोध्या में बनने वाली मस्जिद के निर्माण कार्य का भी प्रारंभ होने जा रहा है। शिलान्यास कार्यक्रम के बाद मस्जिद निर्माण कार्य भी तेजी से किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार अयोध्या के धनीपुर गांव में 1400 मीटर की जमीन पर मस्जिद का निर्माण होगा, लगभग इतने ही क्षेत्रफल में पहले बाबरी मस्जिद थी। यहां इबादत गाह के साथ रहीम रसखान कवि जैसी विभूतियों पर शोध के सेंटर बनेंगे। रिसर्च स्कॉलर्स के लिए रहने की व्यवस्था के साथ-साथ लाइब्रेरी भी बनाई जाएगी।

सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को मिली मस्जिद निर्माण की 5 एकड़ जमीन पर कब्जा मिलने के बाद शनिवार को ड्राफ्ट्समैन टीन सेट पर पहुंची है और वहां पर जाकर उस जमीन का टोपोग्राफी नक्शा तैयार किया गया है। टीम के सदस्यों ने मस्जिद साइड से करीब 500 मीटर की दूरी पर स्थित सरयू का भी निरीक्षण किया इसके साथ प्रोजेक्ट लांच करने की तैयारी शुरू हो गई है। हुसैन ने बताया कि टोपोग्राफी नक्शा तैयार कैसे दिल्ली के तीन नामी आर्किटेक्ट के पैनल के पास भेजा जाएगा जो 5 एकड़ जमीन पर लॉन्च किए जाने वाले प्रोजेक्ट की डिजाइन तैयार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अभी बैंक खाते का संचालन शुरू नहीं हुआ है। ट्रस्ट के खाते में पैसे भी नहीं है फिर भी लोगों के सहयोग से मस्जिद की आर्किटेक्ट डिजाइन तैयार की जा रही है। ट्रस्ट में अभी 9 सदस्य हैं। छह सदस्यों को और शामिल करना है जिसमें अयोध्या जिले का भी प्रतिनिधित्व रहेगा।

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