तबलीगी जमात का मरकज निजामुद्दीन में है। इसे जमात का हेड क्वार्टर भी कहा जाता है जो दुनिया का सबसे बड़ा मरकज है। इस मरकज सेंटर से ही कोरोना काल में 2 हजार लोग रह रहे थे। यह माना जा रहा था देश में कोरोना संक्रमण का एकदम प्रसार ऐसी मरकज के कारण हुआ था। भारत सरकार और भारत की जांच एजेंसियां मरकज का मुखिया मौलाना साद की अभी भी तलाश कर रही हैं लेकिन उनके हाथ कुछ भी नहीं लग सका है। प्रवर्तन निदेशालय ने मौलाना साद पर शिकंजा कसने के लिए तबलीगी जमात के 15 ठिकानों पर छापेमारी की। जिनमें से 7 दिल्ली, 5 मुंबई, 3 केरल और हैदराबाद के ठिकाने शामिल हैं। यह कहा जा रहा है कि इन स्थानों पर मौलाना की नजदीकी लोग रहते हैं।
प्रवर्तन निदेशालय इस बात की जांच कर रहा है कि मरकज को रुपए कहां से मिलता है? उसका जरिया क्या है? इसी बिंदु पर जांच चल रही है। कोरोना संक्रमण के कारण सुर्खियों में आया मौलाना साद यदि निर्दोष है तो वह सामने क्यों नहीं आता? यदि दोषी है तो वह कब तक भागेगा? क्राइम ब्रांच ने मौलाना साद पर जानबूझकर कोरोना के संक्रमण को फैलाने का केस भी दर्ज किया है लेकिन दिल्ली पुलिस अभी तक मौलाना साद को पकड़ नहीं पाई है।