COVAXIN का पहला क्लिनिकल ट्रायल सफल, दूसरी डोज देने के लिए तैयार भारत

भारतीय बायोटेक आईसीएमआर की तरफ से बनाई जा रही कोरोना वैक्सीन का पहले फेज का क्लिनिकल ट्रायल सफल हो गया है। ट्रायल के शुरुआती नतीजों के बाद बताया गया है कि वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है।

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कोरोनावायरस से बचने के लिए प्रत्येक देश कोरोना की वैक्सीन बनाने में लगा हुआ है। इन्हीं देशों में एक नाम शामिल है भारत का। भारत बायोटेक आईसीएमआर की तरफ से बनाई जा रही कोविड-19 के पहले फेज का क्लीनिकल ट्रायल सफल रहा है। यह बताया जा रहा है कि शुरुआती नतीजों में वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है। भारतीय वैक्सीन का छह शहरों में ह्यूमन ट्रायल हो रहा है। इस वैक्सीन का 12 शहर के 375 वॉलिंटियर्स पर ट्रायल हो रहा है। वॉलिंटियर्स को अब तक वैक्सीन के दो डोज दिए जा चुके हैं। अब उनकी हालत पर नजर रखी जा रही है।

सविता शर्मा ने बताया है कि अब हमें यह पता चल गया है कि वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है। अब हम दूसरे चरण में यह पता करेंगे कि वैक्सीन कितनी प्रभावी है? उसके लिए हम ब्लड सैंपल लेने की तैयारी में हैं। सुरक्षित वैक्सीन बनाने की दौड़ में भारत भी शामिल है। भारत सरकार इस वैक्सीन के बनाने की पूरी प्रक्रिया पर नजर रख रही है। COVAXIN पहली भारतीय कोरोना वैक्सीन होगी। भारत बायोटेक द्वारा भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के सहयोग से इस वैक्सीन को विकसित किया जा रहा है। यह माना जा रहा है कि आने वाले 6 महीनों में यह वैक्सीन भारत के लिए उपलब्ध हो जाएगी।

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