कोरोना संक्रमण काल में लोगों से पीएम केयर्स फंड में अधिकतम दान देने के लिए कहा जा रहा था। भारत के वातावरण के अनुसार लोगों ने इस पूरे मामले पर बहुत सवाल भी उठाए थे, लेकिन उसके बावजूद भी भारत के लोगों ने अपने सामर्थ्य के अनुसार पीएम केयर्स फंड में दान दिया। लोगों का दान सही स्थान पर लग रहा है। इसका पता भारतवासियों को तब लगा जब वह सचिव के द्वारा मंगलवार को यह जानकारी साझा की गई कि पीएम केयर्स फंड के द्वारा कोरोना वैक्सीनेशन के पहले चरण का सर्वाधिक भुगतान किया गया है। पीएम केयर्स फंड की ओर से इस अभियान के लिए 2200 करोड रुपए आवंटित किए गए थे।
इमरजेंसी परिस्थितियों में नागरिकों की सहायता और राहत के लिए प्रधानमंत्री कोष (पीएम-केयर्स) फंड कोरोना वायरस महामारी के दौरान मार्च 2020 में स्थापित किया गया था। प्रधानमंत्री केयर फंड में अब तक कितना धन एकत्रित हुआ है इसके बारे में कोई भी जानकारी नहीं दी गई है लेकिन यह बताया जा रहा है कि इस फंड का प्रयोग आपातकालीन स्थितियों में किया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अगले वित्त वर्ष के बजट में कोविड टीकाकरण के लिए 35 हजार करोड़ रुपए निर्धारित किए हैं। जो टीकाकरण अभियान जनवरी से शुरू हुआ था उसके लिए पीएम केयर्स फंड से ही अनुदान भेजा गया था।व्यय सचिव टी वी सोमनाथन ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में अग्रिम मोर्चे तथा स्वास्थ्य सेवाओं के कर्मियों के टीकाकरण की लागत पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा वहन की जा रही है। यह पैसा पीएम केयर्स कोष और स्वास्थ्य मंत्रालय से आ रहा है।
व्यय सचिव का कहना है, ‘‘हमने टीकाकरण की आकस्मिक लागतों के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय को अतिरिक्त धनराशि प्रदान की थी। हमने टीकाकरण के तीन करोड़ बैच के लिए 480 करोड़ रुपए का अतिरिक्त आवंटन किया। बाकी करीब 2,220 करोड़ रुपए पीएम-केयर्स फंड से आएँगे।’’