कोरोना के कारण 50% कैंसर मरीजों का अधूरा रहा इलाज, तय तारीख़ पर थेरेपी के लिए नहीं आ रहे हैं मरीज

कोरोना संक्रमण का असर अब दूसरी बीमारियों से ग्रसित मरीजों पर भी पड़ रहा है। इस संक्रमण के कारण कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी की तारीख पर मरीज नहीं आ रहे हैं। ऑपरेशन की तारीख मिलने के बाद भी मरीज अस्पताल आने में घबरा रहे हैं।

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कोरोना संक्रमण के भय के कारण और दूसरी बीमारियों से ग्रसित मरीज अपना इलाज कराने के लिए अस्पताल नहीं जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि इस दौरान 50% से ज्यादा कैंसर मरीजों का इलाज अधूरा रह गया है। कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी की तारीख़ मिलने के बाद भी मरीज अस्पताल नहीं जा रहे हैं। आपको बता दें कैंसर मरीजों का इलाज तीन विधियों से होता है। पहला दवाओं से जिसे मेडिकलआंकोलॉजी कहते हैं। दूसरा रेडियोथेरेपी से। और तीसरा कीमोथेरेपी से।

केजीएमयू में सामान्य दिनों में रोजाना 225 मरीजों की रेडियोथेरेपी होती थी। लेकिन कोरोना संक्रमण व कर्फ्यू की वजह से मरीजों की संख्या महज 100 से 110 पहुंच गई है। केजीएमयू प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह का कहना है कि डेंटल, गेस्ट्रो, न्यूरो, यूरोलॉजी, ईएनटी समेत दूसरे विभागों में रोजाना 30 से 35 मरीजों की कीमोथेरेपी होती थी जो घटकर 15 से 20 पर आ गई है।

ये हैं कुछ प्रमुख कारण

  • कोरोना संक्रमण के डर से मरीज अस्पताल नहीं आ रहे हैं।
  • किराए भाड़े में वृद्धि और आवागमन में असुविधा के कारण भी लोग अस्पताल में आने से कतरा रहे हैं।
  • मरीज के साथ किसी व्यक्ति के ठहरने की समस्या और खाने-पीने की अव्यवस्था के कारण भी लोग अस्पताल नहीं आ रहे हैं।
  • ओपीडी बंद होने से नए मरीजों की पहचान बंद हो गयी है।
  • दूसरे जिलों व राज्यों में संक्रमण काफी है।
  • गांव में भी काफी लोग बीमार हैं।

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