भारत और चीन ऐसे पड़ोसी देश हो गए हैं जिनके बीच लगातार समझौते किए जा रहे हैं और उसके बावजूद भी दोनों देशों की सीमाओं पर शांति बरकरार नहीं है। लगातार चीन भारतीय सीमा में घुसकर भारत की अस्मिता और स्वाभिमान को चुनौती देने की कोशिश करता है और लगातार भारतीय सैनिक उसके इस अहंकार को तोड़ देते हैं। इसी बीच खबर आ रही थी कि 1 सितंबर को पांच युवक अरुणाचल प्रदेश से गायब हुए थे। पूछताछ करने पर इन पांचों युवकों के परिजनों ने बताया था कि यह लोग मैक मोहन लाइन की पेट्रोलिंग कर रहे जवानों यानी लॉन्ग रिकोनेंस पेट्रोल के लिए जरूरी सामान ढोने का काम कर रहे थे। पोर्टर्स के तौर पर इन्हें निगरानी दल में शामिल किया गया था इनकी उम्र 18 से 20 साल के बीच बताई जा रही थी। परिजनों को आशंका थी कि यह युवक पहाड़ी से पारंपरिक जड़ी बूटी ढूंढने के दौरान निगरानी दल से अलग होकर भटक गए हैं।
लेकिन अच्छी खबर यह है कि अरुणाचल प्रदेश से लापता हुए यह पांचों भारतीय नागरिक चीनी सेना द्वारा भारतीय सेना को सौंप दिए गए हैं। उनकी 12 दिन बाद भारत वापसी हुई है। सेना ने यह बताया कि हैंडोवर की यह कार्यवाही किबधू सीमा पर हुई। करीब 1 घंटे तक कागजी कार्यवाही चली। कोरोना के तहत 14 दिनों के लिए क्वॉरेंटाइन किया जाएगा और इसके बाद ही अपने परिवार से मिल सकेंगे। यह मामला तब सामने आया जब 5 सितंबर को अरुणाचल के कांग्रेस विधायक निनॉन्ग एरिन ट्विटर पर चीनी सेना की ओर से 5 लोगों के अगवा किए जाने का दावा किया था। उन्होंने इन लड़कों के नाम टॉक सिंगकाम, प्रसाद रिंगलिंग, दोस्तु, तनु बेकर तथा नागरु दिरी बताए जा रहे थे। यह सभी युवक डाकिन समुदाय के हैं। विधायक ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से अनुरोध किया था कि इन पांचों युवकों को सही सलामत भारत लौटाया जाए।