कारगिल विजय दिवस की 21वीं वर्षगांठ, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने दी शहीदों को श्रद्धांजली

कारगिल विजय दिवस की 21वीं वर्षगांठ पर आज भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पहुंचे। वहां पहुंच कर उन्होंने भारत की एकता और अखंडता को सुरक्षित रखने के लिए अपने प्राणों का बलिदान करने वाले जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। रक्षा मंत्री के साथ तीनों सेना के प्रमुख और राज्य मंत्री श्रीपद नाईक भी वहां मौजूद थे।

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आज भारत के इतिहास में बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है। 26 जुलाई 1999 को ऑपरेशन विजय की घोषणा करने के साथ ही 3 महीने तक चला युद्ध समाप्त हो गया। आज कारगिल विजय दिवस की 21वीं वर्षगांठ है। वैसे कारगिल विजय दिवस को सेना बहुत अच्छे तरीके से मनाती है और पूरे देश भर में भी इसके लिए अलग-अलग प्रकार के कार्यक्रम आयोजित होते हैं।

लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए देश में कहीं भी किसी भी प्रकार का कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया है। कारगिल विजय दिवस के मौके पर भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दिल्ली स्थित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पहुंचे थे और वहां पर उन्होंने शहीदों को नमन किया। युद्ध स्मारक में उनके साथ तीनों सेना के प्रमुख और राज्य मंत्री श्रीपद नाईक भी मौजूद थे।

इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कारगिल विजय दिवस से संबंधित एक ट्वीट में लिखा, “मैं कारगिल विजय दिवस की 21वीं वर्षगांठ पर उन जवानों को नमन करता हूं जो कठिन परिस्थितियों में भी लड़ते हैं।”

गृह मंत्री अमित शाह ने भी कारगिल विजय दिवस पर भारतीय जवानों को नमन करते हुए एक ट्वीट किया। जिसमें उन्होंने लिखा, “कारगिल विजय दिवस भारत के स्वाभिमान, अद्भुत पराक्रम और दृढ़ नेतृत्व का प्रतीक है। मैं उन शूरवीरों को नमन करता हूँ, जिन्होंने अपने अदम्य साहस से करगिल की दुर्गम पहाड़ियों से दुश्मन को खदेड़ कर वहाँ पुनः तिरंगा लहराया। मातृभूमि की रक्षा के लिए समर्पित भारत के वीरों पर देश को गर्व है।”

क्यों मनाया जाता है कारगिल विजय दिवस?

गीता में एक श्लोक आता है, जिसका अर्थ होता है, “यदि तू युद्ध में जीतेगा तो तू इस धरती के स्वर्ग के स्वर्ग को भोगेगा और यदि तू युद्ध में मारा जाएगा तो तू निश्चित ही स्वर्ग को प्राप्त करेगा!” गीता के श्लोक को अपने जीवन का उद्देश्य बनाकर भारतीय सेना के जवानों ने पाकिस्तान की सेना को मिट्टी में मिला दिया। 3 महीनों चले इस युद्ध का विराम 26 जुलाई 1999 को ऑपरेशन विजय के साथ ही समाप्त हो गया। ये युद्ध मई 1999 के महीने में प्रारंभ हुआ था। इस युद्ध में लगभग भारतीय सेना के 527 जवान शहीद हुए थे, 1300 से ज्यादा जवान इस युद्ध में घायल हुए थे।

Image Source: Tweeted by @RajnathSingh_in

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