कोरोना संक्रमण काल के दौरान हम सभी ने देखा कि देश में चिकित्सा व्यवस्था की कमी के कारण बहुत सारे लोगों ने दम तोड़ दिया। कहीं पर ऑक्सीजन की कमी थी तो कहीं पर अस्पतालों में बेड ही उपलब्ध नहीं थे। कुछ अस्पतालों में तो केवल कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज किया जा रहा था जबकि गंभीर समस्या वाले मरीज बिना इलाज के ही दम तोड़ रहे थे। इस समस्या को देखते हुए अब सरकार की ओर से एक बड़ा कदम उठाया गया है। बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार कंटेनर आधारित दो सचल अस्पताल तैयार करेगी। इन अस्पतालों में 100-100 बेड की व्यवस्था की जाएगी। यह जानकारी देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बताया कि प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन के तहत ये अस्पताल स्थापित किए जाएंगे।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ‘केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र के प्रति ‘प्रतीकात्मक’ नहीं, बल्कि ‘समग्र’ दृष्टिकोण अपनाया है।’ उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी ने स्वास्थ्य सेवा संबंधी बुनियादी ढांचे में सुधार करने का अवसर दिया है और इसके लिए 64,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ ‘प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन’ की शुरुआत की गई।
देशभर में बनेंगे 1.5 लाख आरोग्य केंद्र
भारत के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने यह भी कहा कि देश में लगभग 79,415 स्वास्थ्य और आरोग्य केंद्र संचालित किए जा रहे हैं और इस प्रकार के कुल 1.5 लाख केंद्र संचालित करने की योजना है। केंद्रीय मंत्री का कहना था कि हर स्तर पर अच्छी प्रयोगशालाएं होनी चाहिए, भले ही वह जिला स्तर हो या राष्ट्रीय स्तर। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन एक ऐसी ‘महत्वपूर्ण योजना है, जिसके तहत एक जिले में औसतन 90 से 100 करोड़ रुपये का खर्च स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे पर खर्च किया जाएगा जिसकी मदद से हम आने वाले समय में किसी भी आपदा से लड़ने में सक्षम होंगे।” उन्होंने कहा, ‘इस योजना के तहत जिला स्तर पर 134 प्रकार की जांच नि:शुल्क की जाएंगी, जो एक बड़ा कदम है।’