किसान आंदोलन के नाम पर एक किसान नेता के निजी बैंक खाते में आए 14 लाख, बड़ी रकम पर बैंक ने मांगे दस्तावेज

भारतीय किसान यूनियन के महासचिव सुखदेव सह कोकरीकलां के निजी बैंक खाते में देश-विदेश से करीब 14 लाख रुपये जमा हुए है। इन्होंने इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट डालकर किसान आंदोलन के लिए चंदा मांगा था और इसके बाद इन्होंने विदेश से भी चंदे को लेकर आंदोलन जारी रखा और अब यह किसान नेता बड़ी रकम के चलते संगीन निगाहों में घिरते जा रहे है।

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मोगा, भकियू उगराहां के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां का पंजाब एंड सिंध बैंक में निजी खाता पाया गया है। जिसमें करीबन 14 लाख रुपये आंदोलन के चलते जमा किए गए है। बता दे कि विदेश मंत्रालय की ओर से 18 दिसंबर को पत्र मिलने के बाद पंजाब एंड सध बैंक की कोकरीकलां शाखा के प्रबंधक ने सुखदेव सिंह से फोरन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट यानी एफसीआरए के तहत विदेश से आ रहे चंदे, उसके उद्देश्य और खाते की रजिस्ट्रेशन से संबंधित दस्तावेज मांगा गया है।

किसी भी संगठन को अगर विदेश चंदा प्राप्त होता है, तो उसका इस एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन होना जरूरी होता है। आपको बता दे कि यह एक्ट 2010 में लाया गया था। और इस संबंध चंदा प्राप्त करने वाले संगठन को दस्तावेज बैंक में जमा करवाने होते है। दस्तावेज जमा होने के बाद ही उस संगठन को बैंक द्वारा इस राशि का उपयोग में लाया जा सकता है। लेकिन अगर दस्तावेज जमा ना करवाए गए तो यह पैसा जिन्होंने भेजा है, उन्हें वापस कर दिया जाता है।

इस पूरे मामले पर मोगा के किसान नेता सुखदेव सिंह का कहना है कि अपने किसान आंदोलन के लिए जो इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट लिखकर सभी से सहायता मांगी थी। जिसके चलते उन्होंने पैसे भेजने के लिए पंजाब एंड सध बैंक की कोकरीकलां शाखा के अपने निजी बैंक खाते का ही नंबर दिया था और यह पोस्ट वायरल होने के बाद पंजाब के कई लोगों से लेकर देश-विदेश से भी कई लोगों ने पैसा भेजना शुरू किया था। अब तक उनके खाते में करीबन 14 लाख रुपए जमा हुए है, लेकिन किस देश से कितने रुपए उन्हें प्राप्त हुए है इसकी जानकारी उनके पास नहीं है।

प्राप्त हुए पैसों को भी वह अभी तक नहीं निकाल पाए है, इसके संबंध में वह वकील से राय ले रहे है। वही पर बैंक के शाखा प्रबंधक रंजीत कुमार का मानना है कि किसान नेता से जो दस्तावेज मांगे गए है। वह कोई नया नियम बिल्कुल भी नहीं है और यह नियम सभी पर समान रूप से लागू होता है। विदेश से कितना पैसा आए है, इसे उन्होंने पूरी तरह से गोपनीय मामला बताया है।

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