लखनऊ। उत्तर प्रदेश के 12 जिलों के 331 गांव इस वक़्त बाढ़ से प्रभावित हैं। प्रदेश के जिलों मे बाराबंकी, अयोध्या, कुशीनगर, गोरखपुर, बहराइच, लखीमपुर खीरी, आजमगढ़, गोंडा, संतकबीर नगर, सीतापुर, सिद्धार्थनगर और बलरामपुर के सैकड़ो गांव बाढ़ की समस्या से जूझ रहे हैं। गांवों में बाढ़ पानी बढ़ने से ग्रामीण पलायन कर रहे हैं। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर बाढ़ प्रभावितों को हर संभव राहत पहुंचाने का काम शुरू कर दिया गया है। उन्होंने आदेश दिया है कि बाढ़ प्रबंधन और राहत कार्यों में किसी प्रकार की शिथिलता मिलने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।
लखीमपुर खीरी पलिया में शारदा नदी, गोरखपुर बर्डघाट में राप्ती नदी, श्रावस्ती राप्ती बैराज में राप्ती नदी, बाराबंकी एल्गिनब्रिज में सरयू-घाघरा नदी, अयोध्या में सरयू और बलिया तुर्तीपार में सरयू (घाघरा) नदी का जल स्तर खतरे के निशान के ऊपर है। बाढ़ से राहत देने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा अब तक कुल 4,876 वितरित खाद्यान्न किट बांटे जा चुके हैं। प्रदेश में 647 बाढ़ चौकियां स्थापित की जा चुकी हैं।
कई दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश, पहाड़ी नदियों नालों से बहकर आने वाले बाढ़ के पानी से भारतीय क्षेत्र की नदियों और नालों का जलस्तर बढ़ता जा रहा है। जिससे बहराइच के मिहींपुरवा तहसील क्षेत्र के कई गांवों में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है। नेपाल के पहाड़ी नालों के उफनाने से बहराइच के इस तहसील क्षेत्र के कई गांवों में बाढ़ का पानी भर गया है।
नेपाल बैराज द्वारा छोड़े गए लाखों क्यूसेक पानी और बारिश से सरयू का जलस्तर खतरे के निशान से 108 सेंटीमीटर ऊपर जा पहुंचा। नदी के विकराल रूप से तीन तहसीलों के 70 गांव बाढ़ से घिर गए। जिससे इस क्षेत्र की करीब 50000 आबादी प्रभावित हुई है।